सब में रहता भाईचारा साझे रहते त्यौहार सभी के सब में रहता भाईचारा साझे रहते त्यौहार सभी के
सुख-शान्ति के पक्षधर शान्ति संदेश फहलायेंगे अपना फ़र्ज निभायेंगे। सुख-शान्ति के पक्षधर शान्ति संदेश फहलायेंगे अपना फ़र्ज निभायेंगे।
प्रकृति के नजारे हमारी ही शान, तभी तो लगता मेरा भारत महान प्रकृति के नजारे हमारी ही शान, तभी तो लगता मेरा भारत महान
आज चली है तूफ़ानों में मेरी नाव लहरों संग उठती गिरती मेरी नाव। आज चली है तूफ़ानों में मेरी नाव लहरों संग उठती गिरती मेरी नाव।
प्रतीक्षा दरवाज़े पर दस्तक के अनसुने रहने पर छोड़े गए शब्द हैं.... प्रतीक्षा दरवाज़े पर दस्तक के अनसुने रहने पर छोड़े गए शब्द हैं....
क्या फिर अवतरित होंगे सूरज की तरह स्पंदन के मोती, क्या कड़वा कसैला वक्त बीतेगा कभी.! क्या फिर अवतरित होंगे सूरज की तरह स्पंदन के मोती, क्या कड़वा कसैला वक्त बीतेग...